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दूसरा नवरात्रा -ब्रह्मचारिणी- माता की कथा -- SECOND NAVRATRA -MATA BRAMHCHARNI-

नवरात्री (Navaratri) एक हिन्दुओं का पावन पर्व है, यह पर्व नौ दिनों तक चलता है नवरात्री (Navaratri) में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) की पूजा अर्चना की जाती है नवरात्री (Navaratri ) ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) में ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली, तो आईये जानते हैं नवरात्रि का दूसरा दिन (Navratri Ka Dusara Din) -
नवरात्रि का दूसरा दिन -About The Second Day Of Navaratri
द्वतीय देवी ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) इनकी पूजा नवरात्र (Navratri) में दूसरे दिन होती है इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। इस दिन साधक कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए भी साधना करते हैं।ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से सर्वसिद्धि प्राप्त होती है।

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

हिन्दू धर्म के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) मां पार्वती का ही अवतार है। हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था तब उनका नाम पार्वती रखा था पार्वती जी ने भगवान् शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिये कठिन तपस्या की थी इसीलिये इन्हें तपश्चारिणी अर्थात्‌ ब्रह्मचारिणी नाम से भी जाना जाता है देवी ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने ब्रह्मचारिणी की तपस्या को अभूतपूर्व पुण्य कृत्य बताया, सराहना की और कहा -हे देवी आज तक किसी ने इस तरह की कठोर तपस्या नहीं की है और उन्‍हें ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) कहा गया

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