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हस्थमैथुन के फायदे और दुष्परिणाम Hasthamaithun ke fayde aur nuksaan | blog


हस्थमैथुन (Hasthamaithun) या जिसे अंग्रेजी में Masturbation कहा जाता हैं, एक ऐसा विषय है जिसके बारे में ना तो खुलकर कोई बात की जाती है और नाही इसकी सही जानकारी या शिक्षा दी जाती हैं। मैं खुद भी इस विषय पर पिछले 3 वर्षो से कोई लेख इसलिए नहीं लिख पाया क्योंकि मैं यही सोचता था की मुझे जानने वाले क्या सोचेगे की मैं किस विषय की चर्चा अपने ब्लॉग पर कर रहा हूँ।


मैं पिछले 6 महीनों से जब से अपने Whatsapp नंबर पर पाठकों से जुड़ा हूँ मुझे 20 से 30 % पाठक मुझे रोजाना हस्थमैथुन से जुड़े सवाल पूछ रहे हैं। 90% से अधिक लोगों को हस्थमैथुन से क्या नुकसान होता हैं, क्या रोजाना हस्थमैथुन करना चाहिए, क्या हस्थमैथुन से कमजोरी आती हैं और क्या हस्थमैथुन के भी कुछ लाभ है क्या, इन जैसे सवालों का जवाब नहीं पता हैं। 




इन्टरनेट पर भी इस विषय से जुडी कई गलत जानकारी प्रसिद्ध हो चुकी हैं। आज इस लेख द्वारा हम पाठकों को हस्थमैथुन से जुडी सारी देने की कोशिश कर रहे हैं। हस्थमैथुन के लाभ और दुष्परिणाम से जुडी जानकारी निचे दी गयी हैं :

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हस्थमैथुन के फायदे और दुष्परिणाम
Hasthamaithun ke fayde aur nuksaan
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हस्थमैथुन कितने बार करे ?
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हस्थमैथुन के फायदे है या नुकसान यह जानने के पहले, यह भी जानना जरुरी है की हस्थमैथुन कितनी बार किया जाना चाहिए। आजकल इन्टरनेट का युग होने के कारन युवा वर्ग तक कामुक चीजो का पहुच पाना आसान हो गया जिसके चलते हस्थमैथुन की समस्या काफी बढ़ गयी हैं। कई पाठकों और मरीजों से बात करने पर यह पता चला है की कुछ लोग दिन में 5 से 6 बार भी यह हरकत करते हैं। पुरुषो की तरह महिलाओं में भी इसका कुछ प्रमाण देखा गया हैं।

जैसे की हम जानते है की किसी भी वस्तु का अति करने पर उससे नुकसान होता है ठीक उसी तरह अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में 3 या 4 बार से अधिक हस्थमैथुन करता है तो यह शरीर के लिए ठीक नहीं हैं। अगर आप हफ्ते में अधिक से अधिक 3 या 4 बार ही हस्थमैथुन करते है तो यह स्वाभाविक है और इससे कोई विशेष हानि नहीं होती हैं।


हस्थमैथुन के लाभ / फायदे
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अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में केवल 3 या 4 बार ही हस्थमैथुन करता है तो इससे शरीर को निचे दिए हुए लाभ होते हैं :
  1. शुक्राणुओं की संख्या / Sperm Count : मानव शरीर में हर सेकण्ड 1000 शुक्राणु निर्माण होते हैं और एक शुक्राणु पूरी तरह से निर्माण होने की प्रक्रिया को 72 दिन लगते हैं। हस्थमैथुन से यह प्रक्रिया एक्टिव रहती है और शुक्राणु की संख्या बढ़ती है और साथ ही वीर्य गाढ़ा बनता हैं। 

  2. तनाव / Stress : हस्थमैथुन के समय शरीर में डोपामिन और ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन का स्त्राव बढ़ता है जिससे तनाव में कमी आती है और आपका मूड अच्छा होता हैं। सेक्सएक्सपेर्ट इसे अच्छा Anti-depressant मानते हैं। 

  3. नींद / Sleep : हस्थमैथुन के समय ऑक्सीटोसिन, वैसोप्रेसिन और प्रोलैक्टिन हॉर्मोन का स्त्राव बढ़ता है जिससे अच्छी नींद भी आती हैं। 

  4. रोग प्रतिकार शक्ति / Immunity : अमेरिका में हुए एक संशोधन में पाया गया की हस्थमैथुन करने से शरीर में बैक्टीरिया विरोधी सेल्स लयूकोसाइट्स का प्रमाण बढ़ता है जिससे रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती है और जुखाम जैसी समस्या जल्द ठीक होती हैं। 

  5. शीघ्रपतन और नपुंसकता / Pre-Mature Ejaculation and Erectile Dysfunction : अमेरिकन जर्नल ऑफ़ मेडिसिन में यह बात प्रकाशित हो चुकी है की एक संशोधन में यह सामने आया है की जो लोग सप्ताह में 3 से 4 बार सेक्स या हस्थमैथुन करते है ऐसे 1000 में से केवल 16 लोगो में ही शीघ्रपतन या नपुंसकता का प्रमाण पाया गया है। इसके विपरीत जो लोग हफ्ते में केवल एखाद बार ही संबंध बनाते है या हस्थमैथुन करते है ऐसे लोगो में 1000 में से 80 से ज्यादा मामलों में शीघ्रपतन या Erectile Dysfunction की समस्या होती हैं। हस्थमैथुन से लिंग में रक्त का संचारण बढ़ता है जिससे मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। 

  6. प्रोस्टेट का कैंसर / Prostate Cancer : हस्थमैथुन करने से वीर्य के साथ कैंसर पेशी भी बाहर निकल जाती है जिससे प्रोस्टेट का कैंसर होने का खतरा भी कम हो जाता हैं। 

  7. यौन संक्रमण / Sexually Transmitted Disease : कई युवा सेक्स की उत्तेजना को नियंत्रित नहीं कर पाते है और गलत राह पर चले जाते है जिससे यौन संक्रमण होने का खतरा रहता हैं, ऐसे में हस्थमैथुन करने से यौन उत्तेजना भी शांत हो जाती है और खतरनाक यौन संक्रमण होने से भी बचा जा सकता हैं। 

  8. शुक्राणु परिक्षण / Sperm Analysis : शुक्राणु परिक्षण करने के लिए हस्थमैथुन कर सैंपल एकत्रित किया जाता हैं। व्यक्ति को 3 दिन तक शारीरिक संबंध और हस्थमैथुन से दुरी बनाने के लिए कहा जाता है और उसके पश्च्यात हस्थमैथुन कर वीर्य का सैंपल लिया जाता हैं। वीर्य का सैंपल लेने का यह एक आसान तरीका हैं। 

  9. व्यायाम / Exercise : अगर आप शीघ्रपतन से पीड़ित है तो हस्थमैथुन के विशेष व्यायाम से लाभ हो सकता हैं। शीघ्रपतन से पीड़ित व्यक्ति में वीर्य स्खलन का अंतराल और क्लाइमेक्स के अंतराल को बढ़ाने के लिए यह अभ्यास करने के लिए कहा जाता हैं। इसमें पुरुष को हस्त मैथुन करने की सलाह दी जाती है और जब ऐसा लगे की वीर्य निकलने वाला है तब पहले ही रुकने की सलाह दी जाती हैं। ऐसा बार-बार करने से वीर्य को लम्बे समय तक रोकने का अभ्यास होता हैं और शीघ्रपतन में लाभ होता हैं। 

  10. आनंद / Enjoyment : शीघ्रपतन से व्यक्ति को आनंद का आभास होता है जिससे पॉजिटिव हॉर्मोन निकलते है और व्यक्ति अच्छे से किसी विषय पर concentrate कर पाता हैं। 


हस्थमैथुन के यह लाभ जानने के बाद आपको यह बात याद रखना जरुरी है की यह लाभ तब ही होते है जब आप हस्थमैथुन लिमिट में करते हैं। 


हस्थमैथुन के दुष्परिणाम क्या हैं ?Side effects of Masturbation blog Language



अगर आप रोजाना हस्थमैथुन करते है तो आपको अति हस्थमैथुन के कारण निचे दिए हुए दुष्परिणाम हो सकते हैं :



  1. लिंग फ्रैक्चर / Penile Fracture : अगर कोई व्यक्ति अति हस्थमैथुन करता है तो इससे मांसपेशिया टूटने का खतरा रहता हैं। इससे लिंग में सूजन और तेड़ापन आ जाता हैं। लिंग से रक्तस्त्राव का खतरा भी रहता हैं। 

  2. शुक्राणु / Sperms : रोजाना हस्थमैथुन करने से शरीर में शुक्राणु का संग्रह नहीं हो पाता है जिसके चलते वीर्य में शुक्राणु की संख्या में कमी और वीर्य पतला हो सकता हैं। इसका बुरा असर आपकी फर्टिलिटी पर भी पड़ता हैं। 

  3. तनाव / Stress : बचपन से सभी ने यही सुना रहता है की हस्थमैथुन एक बुरी आदत है, यह एक तरह का पाप है और इसी कारण अगर इसकी लत लग जाये तो व्यक्ति को इस बात का एहसास होता है की उसने कुछ गलत किया है और इसी वजह से वह तनाव में आ जाता है और उसका आहार भी कम हो जाता हैं। इस कारण व्यक्ति में कमजोरी भी आ जाती हैं। 

  4. ओज : आयुर्वेद के हिसाब से सभी धातुओ का जो सार निकलता है उसे ओज कहा जाता है। अधिक हस्थमैथुन करने से इस ओज में कमी आ जाती है जिससे व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और चेहरे का तेज कम हो जाता हैं। 

  5. शीघ्रपतन / Pre Mature Ejaculation : अति हस्थमैथुन की आदत के कारण व्यक्ति जल्दी उत्तेजित हो जाता है और वीर्य जल्द स्खलन हो जाता है जिस कारण शीघ्रपतन की समस्या निर्माण होती हैं। 

  6. बाल झड़ना / Hair loss : अति हस्थमैथुन के कारण टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का परिवर्तन DHT में होता है और कोर्टिसोल हॉर्मोन अधिक निर्माण होता है जिससे बाल पतले होते है और बाल झड़ने की समस्या बढ़ जाती हैं। 


आज इस लेख में हमने हस्थमैथुन / Hasthmaithun यानि Masturbation के फायदे और नुकसान की जानकारी दी हैं। आशा है इस लेख से आपके मन में उठ रहे अनेक प्रश्नों का जवाब मिल गया होगा। हस्थमैथुन  के लाभ अवश्य है पर यह बात ध्यान में रहे की बिना वजह उत्तेजित होकर हस्थमैथुन की आदत लगाना नुकसानदेह साबित हो सकता हैं। हस्थमैथुन की आदत से छुटकारा कैसे पाए इसकी जानकारी पढ़ने के लिए यहाँ click करे -हस्तमैथन की आदत से छुटकारा पाने के आसान उपाय !




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