ब्लड कैंसर का एलॉपैथिक, आयुर्वेदिक और योग उपचार
भारत में ब्लड कैंसर (Blood Cancer) या Lukemia के रोगी की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। मिलावटी आहार और अधिक केमिकल युक्त वस्तुओं के बढ़ते चलन की वजह से 30 से 40 वर्ष के आयु में ही कई युवा इस भयानक रोग के शिकार हो रहे हैं।ब्लड कैंसर जैसे रोग का पता अगर समय रहते चल जाये और तुरंत उपचार शुरू करे तो इसे और अधिक फैलने से रोका जा सकता हैं और रोगी की आयु बढ़ाई जा सकती हैं। ब्लड कैंसर जैसे रोग से लड़ने के लिए आपको इसके उपचार के लिए किये जानेवाले विविध चिकित्सा पद्धति की जानकारी होना आवश्यक हैं।
आज इस लेख में हैं ब्लड कैंसर के एलॉपैथिक, आयुर्वेदिक और योग उपचार की जानकारी दे रहे हैं। ब्लड कैंसर के विविध उपचार की अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
ब्लड कैंसर का एलॉपैथिक, आयुर्वेदिक और योग उपचार
ब्लड कैंसर का उपचार कैसे किया जाता हैं ?
आज इस लेख में हैं ब्लड कैंसर के एलॉपैथिक, आयुर्वेदिक और योग उपचार की जानकारी दे रहे हैं। ब्लड कैंसर के विविध उपचार की अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
ब्लड कैंसर का एलॉपैथिक, आयुर्वेदिक और योग उपचार
Modern, Ayurveda and Yoga Treatment of Blood Cancer
ब्लड कैंसर का उपचार कैसे किया जाता हैं ?
Treatment of Blood Cancer in Hindi
ब्लड कैंसर का उपचार कई बातों पर निर्भर करता हैं। आपकी आयु, अन्य बीमारी का इतिहास और ब्लड कैंसर के प्रकार और फैलाव के अनुसार विविध उपचार किया जाता हैं। ब्लड कैंसर में किये जानेवाले विविध उपचार की जानकारी निचे दी गयी हैं :
- कीमोथेरेपी / Chemotherapy : औषधि का उपयोग कर ब्लड कैंसर के पेशी को नष्ट किया जाता हैं। कीमोथेरेपी मौखिक रूप से गोली देकर या फिर नस में सलाइन द्वारा इंजेक्शन देकर भी की जाती हैं। ब्लड कैंसर के प्रकार के अनुसार आपको केवल एक दवा या फिर दो-तीन दवा को मिक्स दिया जाता हैं।
- बायोलॉजिकल थेरेपी / Biological Therapy : ब्लड कैंसर में रोगी की रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर होती हैं। ऐसे रोगी में इंजेक्शन देकर रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाया जाता है जिससे शरीर की रोग विरोधी पेशी ब्लड कैंसर के पेशी को नष्ठ करने लगती है और ब्लड कैंसर के पेशी का विकास रुक जाता हैं।
- लक्षित उपचार / Targeted Therapy : इस उपचार में ऐसी दवा दी जाती है जिससे ब्लड कैंसर के पेशी का विकास होना थम जाता हैं और उनकी संख्या घट जाती हैं।
- विकिरण चिकित्सा / Radiation Therapy : रेडिएशन थेरेपी में X-RAY या अधिक ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग कर ब्लड कैंसर के पेशी को नष्ट किया जाता हैं। रेडिएशन आवश्यकतानुसार सम्पूर्ण शरीर पर या केवल एक अंग पर भी किया जा सकता हैं।
- स्टेम सेल प्रत्यारोपण / Stem Cell Transplant : स्टेम सेल ट्रांसप्लांट में प्रथम कीमोथेरेपी या रेडिएशन देकर आपके शरीर के विकृत बोन मेरो को नष्ट किया जाता है जिससे बोन मेरो के सारे ब्लड कैंसर पेशी का खात्मा हो जाता हैं। इसके बाद आपके शरीर के ही स्वस्थ स्टेम सेल या फिर किसी डोनर के स्टेम सेल को बोन मेरो में प्रत्यारोपित किया जाता हैं।
ब्लड कैंसर का आयुर्वेद और योग द्वारा उपचार
Ayurveda & Yoga Therapy for Blood Cancer in Hindi
- ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार : ब्लड कैंसर को रक्तवह स्त्रोतस का व्याधि माना जा सकता है और इसलिए इसमें रक्त की शुद्धि के लिए रक्तमोक्षण चिकित्सा की जाती हैं। आयुर्वेद में इसे रक्तार्बुद रोग के समान भी कुछ वैद्य मानते हैं। ब्लड कैंसर ठीक करने के लिए गिलोय, गेहू का ज्वारा, तुलसी, नीम और एलोवेरा इन 5 चीजों को श्रेष्ठ माना जाता हैं। आयुर्वेदिक औषधि में वैद्य वसंतकुसुमाकर रस, प्रवाल पिष्ठि, कामदुधा रस, गिलोय सत्व, गंधक रसायन, यशद भस्म, धात्री लोह, स्वर्णमाक्षिक रस इत्यादि औषधी का रोगी के प्रकृति और विकृत दोष के अनुसार उपयोग करते हैं। सभी रोगी में एक ही औषधि काम नहीं आती हैं।
- ब्लड कैंसर का योग द्वारा उपचार : कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी के साथ या केवल नियमित योग करने से भी ब्लड कैंसर के मरीजों को अधिक लाभ होते हुए देखा गया हैं। योग गुरु बाबा रामदेवजी ने यह भी दावा किया है की केवल योग करने से ही कई लोगों का ब्लड कैंसर पूरी तरह से ठीक हो चूका हैं। आज अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देश में भी कैंसर में योग उपचार के ऊपर रिसर्च हो रही हैं। अगर आपको ब्लड कैंसर है तो निचे दिए हुए योगाभ्यास कर इनका चमत्कारिक लाभ उठा सकते हैं। योग को आप प्राकृतिक कीमो-रेडियो थेरेपी मान सकते हैं। निचे दिए हुए योग की पूरी जानकारी पढ़ने के लिए योग के नाम के ऊपर क्लिक करे :
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम
- कपालभाति
- भस्त्रिका प्राणायाम
- बाह्य प्राणायाम
- भ्रामरी प्राणायाम
- मार्जरासन
- सर्वांगासन
- शवासन
इन सभी योग का अभ्यास करने से पहले इन्हें योग विशेषज्ञ से ठीक से सिख लेना चाहिए और धीरे-धीरे योगाभ्यास का समय अवधि बढ़ानी चाहिए। योग और आयुर्वेदिक उपचार लेने से शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ जाती है जो कैंसरकारी विकृत पेशी का नाश करती है और कुपित दोष / स्त्रोतस को ठीक कर शरीर में स्वस्थ पेशी का निर्माण दोबारा पहले जैसे शुरू हो जाता हैं।
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