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वास्तु में मुहूर्त की महिमा

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यहां ऐसे ही 5 उपायों को बता रहे हैं जिन्हें आजमाकर आप वास्तु के अनुरूप कार्य को शुभ बना सकते हैं।ज्योतिष की एक महत्वपूर्ण शाखा है मुहूर्त विज्ञान। जब भी हम किसी विशेष या शुभ कार्य आरंभ करते हैं तो किसी विशेष मुहूर्त में ही करते हैं, यदि यह मुहूर्त वास्तु अनुरूप हो तो इसकी उपयोगिता बहुत अधिक बढ़ जाती है।
  • कोई भी शुभ कार्य करते समय व्यक्ति की चंद्र राशि से गोचर का चंद्रमा 4,8,12 में नहीं होना चाहिए।

  • शुभ कार्यों के लिए हमेशा सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का चयन करें।


 
  • शुभ कार्यों के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग व रवि पुष्य योग शुभ रहते हैं (यह योग पंचांग में दिए होते हैं)

  • प्रतिपदा, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी व अमावस्या को गृहारंभ नहीं करना चाहिए।

  • कोई भी शुभ मुहूर्त न मिलने पर अभिजीत मुहूर्त का प्रयोग किया जा सकता है।


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